
कबीरधाम पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह की अध्यक्षता में आज दिनांक 13 नवम्बर 2025 को प्रातः 11 बजे पुलिस अधीक्षक कार्यालय कबीरधाम के मीटिंग हॉल में मासिक अपराध समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले के सभी राजपत्रित अधिकारी, थाना और चौकी प्रभारी, रक्षित निरीक्षक, साइबर सेल प्रभारी, यातायात प्रभारी, शाखा प्रभारी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में पुलिस अधीक्षक सिंह ने सभी थाना और चौकी प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए कि अवैध शराब, मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध चखना सेंटर और अन्य आपराधिक गतिविधियों पर तत्काल कड़ी वैधानिक कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी अपने कर्तव्यों का समुचित पालन नहीं कर पा रहे हैं, वे अपने बोरिया-बिस्तर समेटने की तैयारी कर लें। किसी भी प्रकार का अवैध कारोबार या असामाजिक तत्व किसी भी स्थिति में बख्शे नहीं जाएंगे।
सिंह ने यह भी कहा कि जिले में कानून व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए प्रत्येक थाना प्रभारी अपने क्षेत्र में सक्रियता से कार्य करें और जनसहभागिता को बढ़ावा देते हुए अपराध नियंत्रण पर विशेष ध्यान दें।
बैठक के मुख्य बिंदु जिले में लंबित अपराधों और चालानों की समीक्षा, लघु अधिनियमों एवं प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की त्रिवर्षीय तुलनात्मक समीक्षा, पुलिस बल की दक्षता, अनुशासन और कार्यकुशलता बढ़ाने के उपाय तथा आगामी माह के लिए रणनीतिक योजना का निर्धारण रहे।
बैठक में अपराध नियंत्रण, महिला सुरक्षा, सायबर अपराध, नशा उन्मूलन अभियान, यातायात व्यवस्था सुधार और आगामी विशेष ड्यूटी के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र बघेल एवं श्री पंकज पटेल, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी अखिलेश कौशिक, उप पुलिस अधीक्षक प्रतीक चतुर्वेदी, कृष्ण कुमार चंद्राकर, आशीष शुक्ला सहित जिले के सभी थाना, चौकी एवं शाखा प्रभारी शामिल रहे।
बैठक का समापन आगामी माह की कार्ययोजना और लक्ष्यों के निर्धारण के साथ हुआ। पुलिस अधीक्षक सिंह ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में नियमित गश्त करें, मुखबिर तंत्र को सक्रिय रखें, सोशल मीडिया की निगरानी पर ध्यान दें और जनता के बीच विश्वास एवं सहयोग का वातावरण बनाए रखें। उन्होंने कहा कि पुलिस का दायित्व केवल अपराध नियंत्रण तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में शांति, विश्वास और सुरक्षा की भावना बनाए रखना भी उतना ही आवश्यक है।





