कबीरधामकवर्धा

जनहित में काम करने वाले शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस- विद्याभूषण दुबे* 

*WBM सड़क के गड्ढों को पाटने पर शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है । सूरजपुर जिला के शिक्षक यदी श्रमदान कर सड़क के गड्ढों को पाट रहे हैं इसका यह मतलब नहीं है कि केवल वही शिक्षक लोग उस रोड से आना जाना करेंगे। उस सड़क से आम नागरिक भी आएंगे, छोटे बच्चे भी आएंगे, गर्भवती माता को लाने ले जाने के लिए एंबुलेंस भी आएगा, किसी प्रकार की घटना दुर्घटना होने पर 112 नंबर पुलिस की गाड़ी भी आएगी। शिक्षकों के द्वारा भरे गये सड़क के गड्ढों में दिन हो या रात कोई गाड़ी फंसेगी नहीं। यह बात जिला बलरामपुर के जिला शिक्षा अधिकारी श्री डी एन मिश्रा को भी समझना चाहिए।*

*मेरा सीधा सवाल जिला शिक्षा अधिकारी श्री मिश्रा से है- वे स्पष्ट कर दे की श्रमदान से शिक्षक सड़क के गड्ढों को भरने के लिए अधिकृत नहीं है । शिक्षक केवल श्रमदान/नवाचार स्कूल परिसर में ही कर सकते हैं स्कूल के बाहर उन्हें किसी भी प्रकार का श्रमदान करने का अधिकार नहीं है । DEO ये भी स्पष्ट करें कि यदि शिक्षक यदि ऐसा करते पाए जाते हैं तो किस नियम के तहत कार्रवाई की जाएगी ? थोड़ा इसे भी सार्वजनिक कर दे ।*

*शिक्षक दिवस के पूर्व श्रमदान करने पर शिक्षक और शिक्षिकाओं को कारण बताओं नोटिस जारी करना जिला शिक्षा अधिकारी का यह अविवेकपूर्ण निर्णय है। राजनांदगांव नगर निगम के वर्तमान महापौर श्री मधुसूदन यादव जिन दिनों राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के सांसद हुआ करते थे उस समय वे शंकरपुर तालाब पर श्रमदान का आह्वान किए थे उनके इस आह्वान पर बहुत सारे शिक्षकों ने श्रमदान में भूमिका निभाई थी । मुझे बलरामपुर के जिला शिक्षा अधिकारी श्री मिश्रा बयान जारी कर बता दें क्या श्रमदान करने वाले शिक्षक गलत थे ? क्या उन्हें श्रमदान करने का वहां अधिकार नहीं था ?*

 

*इसी प्रकार से कवर्धा के सकरी पुलिया निर्माण के समय आम जनता के साथ-साथ कर्मचारियों ने भी श्रमदान किए थे। क्या वे कर्मचारी गलत थे ? उन्हें ऐसा नहीं करना था ? दरअसल बलरामपुर के जिला शिक्षा अधिकारी शिक्षकों के श्रमदान को राजनीतिक चश्मा से देख रहे हैं । *मैं उन्हें स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि आवश्यकता पड़ी तो उनकी शिकायत माननीय प्रधानमंत्री कार्यालय तक भेजा जाएगा।*

*टीप- शिक्षा विभाग के समस्त कर्मचारी संघ, सं

युक्त मोर्चा और फेडरेशन के लोगों से आग्रह है की एक दिन उसी मार्ग में, उसी जगह खड़गवां- बिलद्वार मार्ग में श्रमदान का कार्यक्रम रखने विचार करें.*

 

*विद्याभूषण दुबे – राजधानी रिपोर्टर ख़बरयोद्धा*

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Brajesh Gupta

Editor, cgnnews24.com

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