
कवर्धा, 5 सितंबर 2025। छत्तीसगढ़ अपराधों की जांच और न्यायिक प्रक्रिया को अधिक वैज्ञानिक एवं सशक्त बनाने की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम रखने जा रहा है। 06 सितंबर 2025 को कबीरधाम जिले में प्रदेश की 5वीं क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला का शुभारंभ होगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में तथा कवर्धा के विधायक एवं उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा के विशेष प्रयासों से यह प्रयोगशाला स्थापित हो रही है। प्रदेश में न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के विस्तार का यह क्रम उनके सक्रिय प्रयासों और दूरदर्शी दृष्टिकोण का परिणाम है।
अपराधों की जांच में वैज्ञानिक आधार की अनिवार्यता को समझते हुए उन्होंने लगातार पहल की है। इनके प्रयासों से राज्य की अपराध न्याय प्रणाली को तकनीकी मजबूती मिल रही है।
शुभारंभ कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद राजनांदगांव संतोष पांडे करेंगे तथा पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगी।
न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशालाओं का कार्य केवल अपराधों से संबंधित साक्ष्यों का परीक्षण करना ही नहीं है, बल्कि यह पूरी न्याय प्रणाली की रीढ़ के समान है। हत्या, डकैती, बलात्कार, साइबर अपराध, आर्थिक अपराध और नशीले पदार्थों की तस्करी जैसे मामलों में वैज्ञानिक परीक्षण के बिना न्यायिक प्रक्रिया अधूरी रहती है।
कबीरधाम प्रयोगशाला से मिलने वाले लाभ
• घटनास्थलों से प्राप्त रक्त, डीएनए, बाल, रेशे, फिंगरप्रिंट, हथियार, गोली-बारूद और नशीले पदार्थों जैसे सूक्ष्म साक्ष्यों का परीक्षण त्वरित गति से होगा।
• पुलिस विवेचकों को वैज्ञानिक रिपोर्ट मिलने में होने वाली देरी समाप्त होगी।
• न्यायालयों में समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत होने से दोषसिद्धि दर में वृद्धि होगी।
• अपराधियों को शीघ्र सजा दिलाना संभव होगा, जिससे समाज में अपराध के प्रति भय और कानून के प्रति विश्वास बढ़ेगा।
प्रदेश के अन्य जिलों में स्थापित प्रयोगशालाओं का अनुभव यह साबित करता है कि जहां वैज्ञानिक रिपोर्ट समय पर उपलब्ध होती है, वहां न्यायिक प्रक्रिया न केवल तेज बल्कि अधिक पारदर्शी भी होती है। कवर्धा में प्रयोगशाला स्थापित होने से बेमेतरा, खैरागढ़-छुईखदान-मंडई और मुंगेली जिले भी लाभान्वित होंगे।
उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए हमेशा वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया है। उनके प्रयासों से राज्य की प्रयोगशालाओं को आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किया गया है। उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि पुलिस विभाग के साथ-साथ आबकारी, वन विभाग, एसीबी, एफओडब्ल्यू और केंद्रीय एजेंसियों (CBI, ED, DRI, NCB, IB) से प्राप्त प्रकरणों का परीक्षण भी राज्य की प्रयोगशालाओं में हो सके।
उनकी पहल से जिला स्तर पर सीन ऑफ क्राइम यूनिटों की स्थापना और वहां वैज्ञानिक अधिकारियों की पदस्थापना की गई है। अब कबीरधाम प्रयोगशाला के प्रारंभ होने से इन यूनिटों की कार्यक्षमता और बढ़ेगी। विवेचकों को घटनास्थल पर ही वैज्ञानिक मार्गदर्शन मिलेगा और अपराध जांच प्रक्रिया अधिक प्रभावी होगी।
प्रमुख उपलब्धियां
• प्रदेश में वैज्ञानिक जांच सुविधाओं का दायरा और व्यापक होगा।
• छोटे जिलों के प्रकरण भी महानगरों जैसी वैज्ञानिक सुविधा से जांचे जाएंगे।
• समय और संसाधनों की बचत होगी।
• जनता को न्यायालयों में त्वरित न्याय प्राप्त होगा।
कबीरधाम जिले के लिए यह प्रयोगशाला एक बड़ी सौगात है।
