
कवर्धा, 3 सितंबर 2025। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र बोड़ला विकासखंड के तहसील मुख्यालय रेंगाखार स्थित हायर सेकेंडरी स्कूल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विद्यालय में संचालित शैक्षणिक गतिविधियों, प्रयोगशालाओं की व्यवस्था, शिक्षकों की उपस्थिति और विद्यार्थियों की पढ़ाई की स्थिति का बारीकी से अवलोकन किया। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ अजय कुमार त्रिपाठी अनुविभागीय अधिकारी बोड़ला सागर सिंह, डिप्टी कलेक्टर बीआर देवांगन, जिला शिक्षा अधिकारी वर्मा, नायब तहसीलदार अखिलेश ध्रुव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर वर्मा ने सबसे पहले विद्यालय के रसायन, भौतिक और जीव विज्ञान प्रायोगिक कक्षों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्रयोगशालाओं की व्यवस्था को तत्काल सुधार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रायोगिक कक्ष विद्यार्थियों के प्रयोगात्मक ज्ञान का आधार होते हैं, इसलिए इन्हें व्यवस्थित और उपयोगी स्थिति में रखना आवश्यक है। कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान विद्यार्थियों के मानसिक और शारीरिक विकास को ध्यान में रखते हुए इनडोर गेम्स के लिए अलग से कक्ष में खेल सामग्री रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए जरूरी है और खेल सामग्री उपलब्ध होने से विद्यालय का वातावरण और भी सकारात्मक बनेगा।
कलेक्टर वर्मा ने निरीक्षण के दौरान कला संकाय 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों से सीधा संवाद किया। उन्होंने बच्चों से 10वीं कक्षा के परिणामों के बारे में पूछा और यह भी जाना कि वे भविष्य में क्या बनना चाहते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से पूछा कि पढ़ाई करने का उद्देश्य क्या है और कितने बच्चों ने अपने भविष्य की दिशा तय की है। विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देते हुए कलेक्टर ने कहा कि जीवन में लक्ष्य बनाना बेहद जरूरी है। जब तक लक्ष्य स्पष्ट नहीं होगा तब तक मेहनत करना संभव नहीं है। उन्होंने विद्यार्थियों को समझाया कि एक स्पष्ट दिशा तय करके मेहनत करने से सफलता की राह आसान हो जाती है। लक्ष्य निर्धारित करने से न केवल प्रेरणा मिलती है बल्कि उस दिशा में लगातार प्रयास करने की ऊर्जा भी प्राप्त होती है।
कलेक्टर वर्मा ने विद्यालय में शिक्षकों की उपस्थिति की भी गहन जांच की। उन्होंने उपस्थिति पंजी का अवलोकन करते हुए यह सुनिश्चित किया कि सभी शिक्षक नियमित रूप से विद्यालय में उपस्थित हों और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें तथा केवल औपचारिकता पूरी करने तक सीमित न रहें, बल्कि बच्चों को विषयवार स्पष्ट और सरल ढंग से समझाते हुए उन्हें आत्मनिर्भर एवं प्रतिस्पर्धी बनाने का प्रयास करें। कलेक्टर ने यह भी कहा कि विद्यालय शिक्षा व्यवस्था तभी मजबूत होगी जब शिक्षक अपनी भूमिका को एक ‘मार्गदर्शक’ के रूप में पूरी ईमानदारी से निभाएंगे। उन्होंने शिक्षकों को विद्यार्थियों की नियमित कक्षाओं के साथ-साथ अतिरिक्त परामर्श और परीक्षा की तैयारी में भी सहयोग करने के निर्देश दिए।
