कवर्धाछत्तीसगढ़

भाजपा के राज में दम तोड़ रही मनरेगा योजना: चोवाराम साहू

महिनो से नहीं मिला मनरेगा कर्मचारियों व अधिकारियों को वेतन

कवर्धा। गरीब जरूरतमंद लोगों को सौ दिनो का रोजगार मुहैया कराए जाने के उद्देश्य से 7 सितंबर 2005 को तात्कालिक केन्द्र की यूपीए सरकार द्वारा लागू की गई जनकल्याणकारी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अब छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के राज में दम तोड़ते नजर आ रही है। आलम ये है कि इस बार के बजट में राज्य सरकार ने न तो इस योजना के लिए कोई प्रावधान किया है और न ही मनरेगा के अधिकारी कर्मचारियों को बीते करीब तीन माह से वेतन का भुगतान ही किया है। जिससे प्रदेश सहित जिले के मनरेगा मजदूरों के साथ मनरेगा के अधिकारी-कर्मचारियों में भारी निराशा देखने को मिल रही है। उक्त बातें कवर्धा कृषि उपज मण्डी के पूर्व उपाध्यक्ष चोवाराम साहू ने जारी बयान में कहीं। श्री साहू ने बताया कि कबीरधाम जिले में मनरेगा योजना को व्यवस्थित तथा कारगर ढंग से संचालित करने करीब 400 की संख्या में रोजगार सहायक तथा बड़ी संख्या में दूसरे अधिकारी-कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन इन कर्मचारी व अधिकारियों की माने तो उन्हें बीते दिसम्बर से लेकर जनवरी तथा फरवरी माह का वेतन का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। कर्मचारियों ने बताया कि मार्च माह में होली का त्यौहार है लेकिन मनरेगा के कर्मचारी बीते तीन माह से वेतन के लिए परेशान है। इस संबंध में उन्होने कई बार शासन-प्रशासन स्तर पर लिखित मांग की है लेकिन अभी तक कोई संतोषजनक कार्यवाही नहीं की है। यहां तक की कर्मचारियों की माने तो उन्होंने वर्ष 2024 में भी अपनी ऐसी ही समस्याओं और मांगों को लेकर 1 अप्रैल से कुल 66 दिनो की हड़ताल की थी। शासन द्वारा मनरेगा कर्मचारियों व अधिकारियों को इस हड़ताल अवधि का भी भुगतान अब तक नहीं किया है। श्री चोवाराम साहू ने इन मनरेगा अधिकारी व कर्मचारियों की मांगों का जायज ठहराते हुए कहा कि एक तरफ तो भाजपा की सरकार गांव, गरीब और मजदूरों की बात करती है तो दूसरी तरफ छोटे-छोटे कर्मचारियों व मजदूरों का हक मार रही है, जो निश्चित रूप से मनरेगा के अधिकारी व कर्मचारियों और अल्प मानदेय में गुजारा करने वाले उनके आश्रितों पर अन्याय है। श्री साहू ने शासन से जल्द से जल्द मनरेगा कर्मचारियों का लंबित वेतन तथा हड़ताल अवधि का भुगतान किए जाने की मांग की है।

 

बजट में मनरेगा योजना के लिए कुछ भी नहीं: चोवाराम साहू

 

छत्तीसगढ़ सरकार के बजट में मनरेगा कर्मियों के लिए कोई राहत नहीं मिलने से प्रदेशभर में नाराजगी है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत कार्यरत कर्मचारियों को निराशा ही हाथ लगी है। भाजपा शासन काल में मनरेगा योजना की इस स्थिति को देखते हुए योजना में काम करने वाले लाखों गरीब व जरूरतमंद मजदूरों में भी भय व्याप्त है कि कहीं राज्य की भाजपा सरकार प्रदेश में मनरेगा योजना को निगल न ले।

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Brajesh Gupta

Editor, cgnnews24.com

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