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कवर्धा। जिले में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद एक शासकीय कर्मचारी द्वारा जनपद पंचायत चुनाव के प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार करने का मामला सामने आया है। बीआरसी (ब्लॉक संसाधन समन्वयक) केशलाल साहू पर आरोप है कि उन्होंने धरमपुरा जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक 09 से जनपद सदस्य पद की उम्मीदवार श्रीमती लक्ष्मी तामेश्वर साहू के प्रचार पोस्टर को अपने मोबाइल स्टेटस में लगाकर उनके समर्थन में प्रचार किया।
चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, किसी भी शासकीय कर्मचारी को किसी राजनीतिक दल या प्रत्याशी के प्रचार-प्रसार में भाग लेने की अनुमति नहीं होती। इसके बावजूद सरकारी पद पर रहते हुए बीआरसी साहू ने मोबाइल स्टेटस के माध्यम से एक उम्मीदवार के समर्थन में प्रचार किया, जो सीधे तौर पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जा सकता है।
शासकीय कर्मचारी के लिए निष्पक्षता अनिवार्य
चुनाव के दौरान सरकारी कर्मचारियों को किसी भी राजनीतिक गतिविधि से दूर रहने का निर्देश होता है, ताकि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो सके। सरकारी कर्मचारी द्वारा किसी भी पार्टी या उम्मीदवार के समर्थन में प्रचार करने से चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठ सकते हैं।
क्या होगी प्रशासन की कार्रवाई?
इस मामले में स्थानीय प्रशासन और चुनाव आयोग की क्या कार्रवाई होगी, यह देखने योग्य रहेगा। यदि यह आरोप सही पाए जाते हैं, तो संबंधित शासकीय कर्मचारी के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। वहीं, चुनाव आयोग भी इस पर संज्ञान लेकर आवश्यक कदम उठा सकता है।
चुनाव आयोग के दिशानिर्देश स्पष्ट
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि शासकीय कर्मचारी को किसी भी राजनीतिक प्रचार से दूर रहना चाहिए। अगर कोई कर्मचारी किसी भी उम्मीदवार या राजनीतिक दल के पक्ष में प्रचार करता है तो यह चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में आता है और इसके लिए कठोर दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है या नहीं।
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