कवर्धा, 5 दिसम्बर 2024। महिला एवं बाल विकास विभाग के मिशन वात्सल्य की टीम बाल विवाह मुक्त भारत बनाने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रही है। बोड़ला विकासखंड के विभिन्न गांवों, धान संग्रहण केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जाकर लोगों को बाल विवाह के कानूनी प्रावधानों और इसके दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
कलेक्टर गोपाल वर्मा के निर्देशन और जिला कार्यक्रम अधिकारी आनंद तिवारी के मार्गदर्शन में जिला बाल संरक्षण अधिकारी सत्यनारायण राठौर के नेतृत्व में इस अभियान को प्रभावी रूप से आगे बढ़ाया जा रहा है।
जागरूकता टीम द्वारा बताया गया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत, वर की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और वधू की न्यूनतम आयु 18 वर्ष निर्धारित है। इसके उल्लंघन पर
दोषी को 2 वर्ष तक की कठोर कारावास या 1 लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।
यह भी बताया गया कि बाल विवाह में मदद करने वाले व्यक्तियों पर भी समान दंड का प्रावधान है। बाल विवाह बालिका और समाज के लिए बहुत गंभीर माना गया है। अभियान के दौरान यह बताया गया कि बाल विवाह न केवल बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन करता है, बल्कि उनके शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास को भी बाधित करता है। इसे समाप्त करने के लिए समाज, कानून और प्रशासनिक प्रयासों के साथ-साथ लोगों को इस कुप्रथा के दुष्परिणामों को समझाना बेहद जरूरी है।
बाल विवाह मुक्त भारत और छत्तीसगढ़ अभियान
भारत के प्रधानमंत्री ने 27 नवंबर 2024 को बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का शुभारंभ किया। इसके बाद, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने 10 मार्च 2024 को बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान को प्रोत्साहन दिया।
ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान
मिशन वात्सल्य के तहत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 टीम द्वारा गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत विभिन्न स्कूलों, संस्थानों और समुदायों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
इस दौरान जिला बाल संरक्षण अधिकारी सत्यनारायण राठौर के साथ, राजाराम चंद्रवंशी, विभा बक्शी, अविनाश ठाकुर, सुरेश साहू, परमेश्वरी धुर्वे और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। अभियान में स्थानीय नागरिकों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों और बोड़ला नगर के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति सराहनीय रही।