भगवान बिरसा मुंडा जयंती: प्रधानमंत्री मोदी ने जमुई में जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में हुए शामिल, 6000 करोड़ की आदिवासी विकास योजनाओं का किया लोकार्पण और शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर जमुई में जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में भाग लिया। इस आयोजन में उन्होंने 6000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
आदिवासी विकास के लिए नई योजनाओं का ऐलान
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज के उत्थान के लिए उनकी सरकार द्वारा व्यापक योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें डेढ़ लाख पक्के घर, नई सड़कें, स्कूल, हॉस्टल, स्वास्थ्य केंद्र, और सांस्कृतिक केंद्रों का निर्माण शामिल है। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं आदिवासी क्षेत्रों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को बेहतर बनाएंगी।
प्रधानमंत्री ने “धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान” और “पीएम जनमन योजना” का उल्लेख करते हुए कहा कि इन योजनाओं के जरिए आदिवासी गांवों में बुनियादी सुविधाओं को तेज़ी से पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि नल-जल योजना के तहत आदिवासी इलाकों में हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने का कार्य प्रगति पर है।
भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें भारत के स्वतंत्रता संग्राम का महानायक बताया। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने न केवल आदिवासी समाज बल्कि पूरे भारत को प्रेरणा दी है। उनके संघर्ष और बलिदान को स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार आदिवासी नायकों के योगदान को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रही है।
उन्होंने सिद्धू-कान्हू, तिलका मांझी, और अन्य आदिवासी नायकों के योगदान को याद करते हुए आदिवासी समाज की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
महिलाओं और युवाओं को विशेष प्राथमिकता
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की “लखपति दीदी योजना” से अब तक 20 लाख आदिवासी महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। इस योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण और आर्थिक सहायता दी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि युवाओं को कौशल विकास और रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान कहा कि आदिवासी उत्पादों को देश-विदेश में पहचान दिलाने के लिए सरकार विशेष प्रयास कर रही है। उन्होंने “वन धन योजना” और “जनजातीय हाट बाजार” जैसे कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे आदिवासी उत्पादों को बेहतर बाजार और मूल्य मिल रहा है।
स्थानीय विकास पर जोर
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में जमुई और आसपास के क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बिहार के ग्रामीण इलाकों में सड़क, बिजली, और पानी जैसी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार हर संभव सहायता दे रही है।
प्रधानमंत्री ने जमुई के नागरिकों को स्वच्छता अभियान में उनकी भागीदारी के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि जमुई ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत बेहतरीन काम किया है, जो देश के अन्य क्षेत्रों के लिए प्रेरणा है।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के अंत में कहा कि उनकी सरकार “सबका साथ, सबका विकास” के मंत्र के साथ काम कर रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि इन परियोजनाओं से आदिवासी समाज का जीवन बदल जाएगा और वे राष्ट्रीय विकास में सक्रिय भागीदार बनेंगे।
इस कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग और स्थानीय नागरिक शामिल हुए। समारोह के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए, जिनमें आदिवासी परंपराओं की झलक दिखाई दी।