छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हो गई है। रविवार को प्रदेश के डिप्टी CM और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से मुलाकात के बाद कर्मचारी संघ ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया है। टीएस सिंहदेव से संघ के प्रतिनिधियों ने रविवार को उनके निवास कार्यालय में मुलाकात कर अपनी मांगों के संबंध में विस्तृत चर्चा की है।
स्वास्थ्य कर्मी 4 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे। अब डिप्टी सीएम ने स्वास्थ्य कर्मियों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और शासन के समक्ष उनकी बातों को रखने का आश्वासन दिया है। इस दौरान डिप्टी सीएम ने लोगों के हित में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों से काम पर लौटने की अपील की।
उनकी पहल पर आज संघ के पदाधिकारियों ने चर्चा के बाद हड़ताल समाप्त कर काम पर लौटने का ऐलान किया है। सिंहदेव से मुलाकात के दौरान स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी मिलने की मंशा जाहिर की है।
24 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर थे स्वास्थ्य कर्मचारी
स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि वेतन विसंगति, नियमितीकरण समेत 24 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन प्रदर्शन चल था। डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के मुलाकात के बाद उन्होंने मांगें सरकार के समक्ष रखने का आश्वासन दिया है और मांगे पूरी होने की उम्मीद में ही वे हड़ताल से वापस लौट रहे हैं। इसके अलावा बैठक लेकर आगे की रणनीति भी तैयार की जा रही है।
मरीजों को हो रही थी परेशानी।
इस हड़ताल से कई स्वास्थ्य सुविधाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही थी। क्योंकि रेडियोग्राफर, मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी, नेत्र सहायक अधिकारी ओटी टेक्नीशियन,स्टॉफ नर्स,वार्ड बॉय ,आया बाई सभी हड़ताल पर थे। रेगुलर स्टाफ की कमी के कारण सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाओं पर बुरा असर पड़ रहा था, लेकिन हड़ताल खत्म करने के बाद मरीजों को राहत की उम्मीद जताई जा रही है।
स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल पर कहा था-कुछ मांगें ऐसी, जो पूरी नहीं हो सकती
स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल पर रायपुर में मीडिया से चर्चा करते हुए सिंहदेव ने कहा था पढ़ें पूरी खबरकि कुछ मांगे ऐसी है जो पूरी नहीं हो सकती, अब स्वास्थ्य कर्मचारी कह रहे हैं कि 12 महीने काम के बदले 13 महीने का वेतन दिया जाए। मैंने कहा कि क्या किसी राज्य में ऐसा हो रहा है, तो उनके पदाधिकारियों ने ही कहा कि ऐसा कहीं नहीं हो रहा, यदि कहीं दूसरे राज्य में हो रहा हो तो हम भी अपनाने की सोचेंगे, मगर ऐसी मांग रखे हैं जो पूरी नहीं हो सकती।