
कवर्धा, 7 जुलाई 2025। कबीरधाम जिले में खरीफ वर्ष 2025 के अंतर्गत किसानों को समय पर रासायनिक उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सहकारी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका देखने को मिल रही है। जिला प्रशासन के मार्गदर्शन और कृषि विभाग के सतत प्रयासों से अब तक कुल निर्धारित 55,864 मीट्रिक टन लक्ष्य के विरुद्ध 39,322 मीट्रिक टन खाद का भण्डारण और 35,201 मीट्रिक टन खाद का वितरण किया जा चुका है। यह आंकड़ा कुल लक्ष्य का लगभग 70 प्रतिशत है।
जिला कलेक्टर गोपाल वर्मा के विशेष निर्देशों के अंतर्गत जिले की सभी प्राथमिक सेवा सहकारी समितियों में खाद की आपूर्ति और भंडारण की कार्यवाही सुनियोजित ढंग से की जा रही है। जिले में स्थापित डबल लॉक केन्द्रों में वर्तमान में 3,128 मीट्रिक टन खाद सुरक्षित भण्डारित है। कृषकों की मांग के अनुसार खाद की सतत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
उप संचालक कृषि अमित मोहंती ने जानकारी देते हुए बताया कि किसानों को डी.ए.पी. खाद के साथ-साथ वैकल्पिक उर्वरकों जैसे एन.पी.के. एवं एस.एस.पी. की ओर भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। मैदानी अमलों द्वारा गांव-गांव जाकर कृषकों को जागरूक करने के लिए प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, जिससे पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष वैकल्पिक खादों का उठाव उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है।
कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि पौध अवस्था के अनुसार खाद जैसे यूरिया का छिड़काव समय पर किया जाए। खरीफ मौसम के शेष तीन महीनों के दौरान यूरिया और एन.पी.के. की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जिला विपणन अधिकारी और कृषि विभाग द्वारा समन्वय स्थापित कर कंपनियों एवं वरिष्ठ कार्यालयों से लगातार संवाद किया जा रहा है।
निरंतर आ रही हैं डी.ए.पी. की रेल रेल
जिले में समय-समय पर रेक प्वाइंट के माध्यम से डी.ए.पी. खाद की आपूर्ति भी जारी है, जिससे भण्डारण और वितरण में किसी प्रकार की रुकावट न आए। किसानों को आवश्यकतानुसार गुणवत्ता युक्त खाद उपलब्ध कराना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।
खाद वितरण प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास
कृषि विभाग, विपणन संघ और सहकारी समितियों के बीच समन्वय बनाकर खाद वितरण प्रणाली को पारदर्शी, त्वरित और सहज बनाने की दिशा में सतत प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि जिले के कृषकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और वे समय पर खेतों में खाद का प्रयोग कर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकें।
