कवर्धा, 03 जुलाई 2025/
बरसात का मौसम आते ही बिजली से जुड़ी दुर्घटनाओं की आशंका भी बढ़ जाती है। गीले वातावरण में विद्युत खंभों, ट्रांसफार्मरों, एचटी लाइनों और घरों के अंदर मौजूद उपकरणों में करंट प्रवाहित होने की घटनाएं गंभीर परिणाम ला सकती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए कबीरधाम जिले के अधीक्षण अभियंता l रंजीत घोष ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस मौसम में अतिरिक्त सतर्कता बरतें और बिजली से जुड़ी किसी भी अनहोनी से बचने के लिए विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
अधीक्षण अभियंता श्री घोष ने कहा कि बरसात के मौसम में थोड़ी सी असावधानी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। विद्युत विभाग लगातार प्रयासरत है कि आमजन को सुरक्षित और निर्बाध बिजली आपूर्ति मिलती रहे। बारिश के पहले ही सभी फीडरों, ट्रांसफार्मरों और विद्युत लाइनों की जांच की जा चुकी है, परंतु किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचाव के लिए आम नागरिकों की सजगता और सहयोग अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया है कि बिजली के खंभों, तारों, ट्रांसफार्मरों और अन्य विद्युत उपकरणों से दूर रहें तथा कहीं भी टूटे या क्षतिग्रस्त तार अथवा उपकरण दिखें तो उसे न छुएं, बल्कि तत्काल विभाग के टोल फ्री नंबर 1912, मोर बिजली ऐप या निकटतम विद्युत वितरण केंद्र या जोन कार्यालय को इसकी सूचना दें।
श्री घोष ने यह भी कहा कि खेतों की बाड़ या कंटीले तारों में करंट प्रवाहित करना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह जानलेवा भी हो सकता है। ऐसा करने पर संबंधित व्यक्ति पर विभागीय कार्रवाई भी की जा सकती है। बारिश के दिनों में करंट फैलने का खतरा पानी के जरिए और बढ़ जाता है, इसलिए ऐसे स्थानों पर विशेष सतर्कता की आवश्यकता है। यदि कोई व्यक्ति करंट की चपेट में आ जाता है तो सबसे पहले विद्युत प्रवाह को बंद करना चाहिए। यदि यह संभव न हो, तो सूखी लकड़ी, कपड़ा या रस्सी के माध्यम से उस व्यक्ति को तारों से अलग करें, ताकि बचावकर्ता खुद भी सुरक्षित रह सके। पीड़ित को सूखी जगह पर लिटाकर उसे कृत्रिम सांस देकर तत्काल अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करें।
अधीक्षण अभियंता ने कहा कि विद्युत कर्मचारियों के लिए यह मौसम किसी युद्ध जैसी परिस्थिति पैदा करता है। आंधी-तूफान, भारी बारिश और अंधेरे में भी वे बिजली आपूर्ति बहाल रखने के लिए सतत प्रयासरत रहते हैं। फॉल्ट की पहचान कर उसे सुधारने की प्रक्रिया आसान नहीं होती, कभी-कभी उन्हें पूरे खंभों की जांच करनी पड़ती है। ऐसे समय में उपभोक्ताओं से अपेक्षित है कि वे विभाग के कार्यों में सहयोग करें और बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में कुछ समय धैर्य रखते हुए अपनी शिकायत दर्ज कराएं।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बिजली एक संवेदनशील प्रणाली है और इसमें की गई छोटी सी लापरवाही भी बड़े खतरे का कारण बन सकती है। इसलिए सभी नागरिकों से अनुरोध है कि विद्युत सुरक्षा से संबंधित नियमों का पूरी गंभीरता से पालन करें और अपने साथ-साथ अपने परिवार और आस-पड़ोस को भी सुरक्षित रखें। बरसात के इस मौसम में सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।
