11 साल बाद भारतीय रेलवे में यूनियन चुनाव, बिलासपुर जोन के 42,500 कर्मचारी करेंगे मतदान
बिलासपुर। भारतीय रेलवे में 11 साल बाद यूनियन चुनाव का आयोजन किया जा रहा है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) के बिलासपुर जोन में इस चुनाव को लेकर उत्साह का माहौल है। यहां 42,500 कर्मचारी यूनियन चुनने के लिए अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। मतदान की तिथियां 4, 5 और 6 दिसंबर तय की गई हैं।
बिलासपुर जोन में तीन प्रमुख मंडलों के कर्मचारी मतदान करेंगे। इनमें सबसे ज्यादा मतदाता बिलासपुर मंडल में हैं। यहां 27 पोलिंग बूथों पर 20,100 कर्मचारी मतदान करेंगे। रायपुर मंडल में 11 पोलिंग बूथों पर 11,400 कर्मचारी, और नागपुर मंडल में 26 पोलिंग बूथों पर 11,000 कर्मचारी मतदान करेंगे।
चुनावी सरगर्मी तेज
11 साल के लंबे अंतराल के बाद हो रहे इस चुनाव को लेकर यूनियन पदाधिकारियों और कर्मचारियों में जबरदस्त उत्साह है। छह यूनियनों के उम्मीदवार मैदान में हैं। उम्मीदवारों और उनके समर्थकों ने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। यूनियन से बाहर रहने वाले कर्मचारियों और छोटे एसोसिएशनों को अपने पक्ष में लाने के प्रयास तेज हो गए हैं।
रणनीति और दावेदारी
पहले के चुनावों में दो परंपरागत यूनियनों के बीच ही मुकाबला होता था, लेकिन इस बार छह यूनियनों के बीच मुकाबला और रोचक हो गया है। यूनियन नेता कर्मचारियों को लुभाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। छोटे एसोसिएशनों का झुकाव इस बार के नतीजों को निर्णायक बना सकता है।
राजनीतिक असर बढ़ने की संभावना
रेलवे यूनियन के चुनाव न केवल संगठनात्मक बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं। पिछले 11 वर्षों में चुनाव न होने के कारण यूनियन नेताओं की राजनीतिक सक्रियता कम हो गई थी। लेकिन इस चुनाव के बाद इनकी भूमिका फिर से मजबूत होने की उम्मीद है। लोकसभा और विधानसभा जैसे चुनावों में इन यूनियन नेताओं की परोक्ष भूमिका हमेशा अहम रही है।