कवर्धाः भारतीय वन सर्वेक्षण (Forest Survey of India) FSI से प्राप्त सूचना अनुसार कवर्धा वनमंडल अंतर्गत 09 परिक्षेत्रों (क्षेत्रीय एवं अभ्यारण्य) के अग्नि प्रकरणों का अवलोकन करें तो में विगत 04 वर्षों में कुल 1300 प्रकरण रकबा कुल 637.923 हेक्टेयर क्षेत्र चिन्हांकित किये गये हैं। कवर्धा वनमंडल के द्वारा अग्नि प्रकरणों पर लगातार त्वरित कार्यवाही कर अग्नि बुझाने की कार्यवाही की गयी है।
*विगत 4 वर्षों में सबसे कम अग्नि दुर्घटना 2024 में*
कवर्धा वनमंडल के 07 क्षेत्रीय परिक्षेत्रों में पिछले 04 वर्षों में वर्ष 2021 में सबसे अधिक 349 प्रकरण रकबा 207.050 हेक्टेयर चिन्हांकित किया गया। तत्पचात् वर्ष 2022 से चिन्हांकित आंकड़े एवं क्षेत्र में कमी आयी जिसके अनुसार वर्ष 2022 में 272 प्रकरण रकबा 123.302 हेक्टेयर, वर्ष 2023 में 146 प्रकरण रकबा 122.210 हेक्टेयर, वर्ष 2024 में 92 प्रकरण रकबा 30.069 हेक्टेयर क्षेत्र चिन्हांकित किया गया।
भोरमदेव अभ्यारण्य के 02 परिक्षेत्रों में पिछले 04 वर्षों में वर्ष 2021 में सबसे अधिक 188 प्रकरण रकबा 61.996 हेक्टेयर चिन्हांकित किया गया। तत्पचात् वर्ष 2022 से चिन्हांकित आंकड़े एवं क्षेत्र में कमी आयी जिसके अनुसार वर्ष 2022 में 155 प्रकरण रकबा 65.580 हेक्टेयर, वर्ष 2023 में 73 प्रकरण रकबा 20.390 हेक्टेयर, वर्ष 2024 में 25 प्रकरण रकबा 7.326 हेक्टेयर क्षेत्र चिन्हांकित किया गया।
विगत वर्ष की तुलना करें तो कवर्धा वनमंडल अंतर्गत 07 क्षेत्रीय परिक्षेत्रों में वर्ष 2023 में 122.210 हेक्टेयर क्षेत्र अग्नि प्रकरण हेतु चिन्हांकित किये गये तथा वर्ष 2024 में 30.069 हेक्टेयर क्षेत्र अग्नि प्रकरण हेतु चिन्हांकित किये। इस प्रकार विगत वर्ष की तुलना में 75.40 प्रतिशत क्षेत्र कम प्रभावित हुआ है। इसी प्रकार भोरमदेव अभ्यारण्य अंतर्गत 02 परिक्षेत्रों में वर्ष 2023 में 20.390 हेक्टेयर क्षेत्र अग्नि प्रकरण हेतु चिन्हांकित किये गये तथा वर्ष 2024 में 7.326 हेक्टेयर क्षेत्र अग्नि प्रकरण हेतु चिन्हांकित किये। इस प्रकार विगत वर्ष की तुलना में 64.07 प्रतिशत क्षेत्र कम प्रभावित हुआ है।
वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के द्वारा वर्ष में 15 फरवरी से 15 जून तक फारेस्ट फायर सीजन चिन्हांकित किया गया है। कवर्धा वनमंडल अंतर्गत विभिन्न परिक्षेत्रों में सतत् गश्ती कर जागरूकता रैली, विशेष अग्नि सुरक्षा अभियान, क्षेत्रीय भ्रमण, अग्नि शामक यंत्र का उपयोग कर अग्नि प्रकरणों पर नियंत्रण करने हेतु पूर्ण प्रयास किये गये है।