वनांचल युवाओं के लिए उम्मीद की किरण बनी कबीरधाम पुलिस ओपन परीक्षा में 50 से अधिक युवाओं ने हासिल की सफलता

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कवर्धा। कबीरधाम पुलिस ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि कानून-व्यवस्था के साथ-साथ सामाजिक उत्थान में भी पुलिस की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण हो सकती है। पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह (आईपीएस) के नेतृत्व में जिले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों के शिक्षा से वंचित युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए चलाए गए विशेष अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
इस पहल के अंतर्गत जिले के ऐसे 300 युवाओं का चयन किया गया, जिन्होंने किसी कारणवश अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ दी थी या आर्थिक तंगी के कारण पुनः शिक्षा से नहीं जुड़ पाए थे। कबीरधाम पुलिस ने न केवल इन छात्रों को ओपन स्कूल परीक्षा के लिए तैयार कराया, बल्कि उनके फॉर्म भरवाने, अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराने और परीक्षा केंद्र तक पहुँचने की समुचित व्यवस्था भी की।
हाल ही में घोषित ओपन स्कूल परीक्षा के परिणामों में 50 से अधिक छात्रों ने सफलता प्राप्त की है। यह उपलब्धि न केवल युवाओं की मेहनत का परिणाम है, बल्कि पुलिस और समाज के संयुक्त प्रयासों की मिसाल भी है।
इस अभियान को सफल बनाने में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र बघेल, पंकज पटेल तथा उप पुलिस अधीक्षक संजय ध्रुव के साथ-साथ विशेष शाखा के अधिकारी व कर्मचारी – प्रधान आरक्षक घनाराम सिन्हा, प्रधान आरक्षक अभिजीत सिंह, आरक्षक कृपाराम मेरावीं, रायसिंह धुर्वे, नव करन हेमला और लिबरु उर्फ दिवाकर का भी सराहनीय योगदान रहा। इन सभी ने फॉर्म भरने से लेकर छात्रों को प्रेरित करने व परीक्षा केंद्र तक पहुँचाने तक सभी स्तरों पर अहम भूमिका निभाई।
पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने इस सफलता पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा, “यह अभियान केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, यह सामाजिक पुनर्निर्माण की दिशा में एक प्रयास है। कबीरधाम पुलिस का उद्देश्य केवल अपराध नियंत्रण नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना भी है।”
उन्होंने बताया कि आगे ऐसे छात्रों को पूरक परीक्षा के लिए विशेष मार्गदर्शन भी उपलब्ध कराया जाएगा और इस अभियान को जिले के अन्य क्षेत्रों में भी विस्तार देने की योजना बनाई जा रही है।
कबीरधाम पुलिस की यह पहल अब एक मिशन का रूप ले चुकी है, जिससे शिक्षा के प्रति उपेक्षित और वंचित वर्गों में आत्मविश्वास जागृत हुआ है। यह उदाहरण दर्शाता है कि जब प्रशासन और समाज एकजुट होकर कार्य करें, तो शिक्षा जैसी मूलभूत आवश्यकता को भी हर घर तक पहुँचाया जा सकता है।
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