कबीरधामकवर्धा

महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क बना मिल का पत्थर

बाजार के मांग अनुसार पेपर कप निर्माण ने बदला समूह की महिलाओं का जीवन

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और अधिक गतिशील बनाने एवं ग्रामीण महिलाओं को आजीविका के नए साधनों से जोड़कर उद्यमी बनने का सपना महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में देखा गया था, जो आज धरातल पर यथार्थ में तब्दील हो रहा है। स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कच्चे सामग्रियों से व्यापार करने का केंद्र बन गया है रीपा। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना अपने स्थापना के बहुत ही अल्प समय में ही ग्रामीणों को उद्यमी बनने सफल रही है। रीपा केदो में खाद्य सामग्रियों के निर्माण से लेकर दैनिक उपयोग की चीजों का निर्माण पैकेजिंग, मार्केटिंग ग्रामीण महिलाएं बड़ी कुशलता से कर रही है। जिसकी बानगी है ग्राम मजगांव जनपद पंचायत कवर्धा एवं कापादाह जनपद पंचायत पंडरिया में स्थापित महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क रीपा में निर्मित पेपर कप। ग्राम मझगांव में सुहाना महिला स्व सहायता समूह द्वारा 2 लाख रूपए से अधिक का पेपर कप विक्रय किया गया है। समूह द्वारा 20 हजार से अधिक पैकेट का निर्माण किया गया और इसके निर्माण से लेकर पैकेजिंग मार्केटिंग का काम करते हुए समूह ने 2 लाख रुपए से अधिक की आमदनी अर्जित कर ली। महज चार महीने के अल्प अवधि में समूह द्वारा यह कार्य किया गया है। स्थानीय बाजार सी-मार्ट में समूह द्वारा निर्मित पेपर कप विक्रय के लिए उपलब्ध है साथ ही कवर्धा शहर एवं आसपास के ग्रामीण इलाकों में पेपर कप की मांग बहुत है क्योंकि लोगों को यहा सामग्री अच्छी क्वालिटी एवं कलर के साथ कम दर पर मिल रहा है। इसी प्रकार ग्राम कापादाह के रीपा केंद्र में मां महामाया महिला स्व सहायता समूह द्वारा 11000 से अधिक पेपर कप पैकेट का निर्माण कर 1 लाख रुपए से अधिक की आमदनी कमाई है।

व्यवसाय से जुड़े सभी कार्यो को ग्रामीण महिलाएं कुशलता से कर रही है-कलेक्टर जनमेजय महोबे

कलेक्टर जनमेजय महोबे ने बताया कि जिले के आठ रीपा केंद्र आज ग्रामीण उद्योग की पहचान बन गए हैं। सभी जगह पर विभिन्न समूह द्वारा अनेक प्रकार के सामग्रियों का उत्पादन कर रहे हैं। जिसकी मुख्य विशेषता है कच्चे माल व सामग्रियों की आपूर्ति से लेकर निर्माण पैकेजिंग और मार्केटिंग का पूरा काम ग्रामीण महिलाएं अपने कंधों पर लिए हुए हैं जो पूरी सफलता के साथ आमदनी अर्जित कर रही है। उन्होंने बताया कि समूह की महिलाओं को सभी जरूरी सुविधाओं से लैस किया गया है तथा इनका गठन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन विहान के माध्यम से हुआ है।

अच्छी गुणवत्ता कम दर और आकर्षित होने के कारण पेपर कप की बढ़ रही है मांग-सीईओ जिला पंचायत

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संदीप कुमार अग्रवाल ने बताया कि पेपर कप बनाने का विचार महिला समूह द्वारा रखा गया था क्योंकि बाजार में इसकी बहुत मांग है। रीपा केंद्र में इसका मशीन स्थापित किया गया और सभी जरूरी प्रशिक्षण महिलाओं को दिया गया। आज इसकी परिणीता सबके सामने है। ग्रामीण क्षेत्र के साथ शहर के बहुत से दुकानों में एवं सी मार्ट में महिला समूह द्वारा बनाए गए पेपर कप विक्रय के लिए उपलब्ध है। अच्छी क्वालिटी कम दाम एवं आकर्षित होने के कारण पेपर कप की मांग बाजार में दिनों दिन बढ़ रही है और इसके साथ बढ़ रहा है समूह का व्यापार।

Brajesh Gupta

Editor, cgnnews24.com

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