कवर्धा-छ ग के सरकारी स्कूलों में अटैचमेंट का खेल बंद करने स्कूल शिक्षा विभाग में कई बार आदेश जारी किया गया था। इसके लिए लोक शिक्षण संचालनालय ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए थे।विभाग ने छत्तीसगढ़ के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) काे तत्काल प्रभाव से अटैचमेंट (संलग्नीकरण) खत्म करने का निर्देश भी दिया था।पत्र में स्पष्ट किया गया था कि,जो शिक्षक अटैचमेंट का लाभ लेकर दूसरे स्कूलों में हैं, उन्हें उनके मूल यानी मूल स्कूल में तत्काल भेजा जाए। यदि शिक्षक अपनी मूल जगहों में नहीं जाते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।
लेकिन हमेशा विवादों में रहने वाले कबीरधाम शिक्षा विभाग का एक और बड़ा कारनामा सामने आया है। कबीरधाम जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी कर संलग्न शिक्षकों को अपने मूल पदस्थापना में तत्काल कार्यभार ग्रहण करने निर्देशित किया गया है।
स्कूल शिक्षा विभाग महानदी भवन मंत्रालय रायपुर द्वारा 07 फरवरी 2022 को आदेश जारी कर प्रदेश के सभी जिलों में संलग्न शिक्षकों एवं शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से अपने मूल पदस्थापना में लौटने का आदेश जारी किया गया था। उच्च शिक्षा विभाग के इस आदेश को कबीरधाम शिक्षा विभाग ठेंगा दिखाते हुए संलग्न शिक्षकों को उनके मूल पदस्थापना से कार्यमुक्ति तो नही किया अपितु आदेश के विपरीत और कई अन्य शिक्षकों से लेनदेन कर संलग्न कर दिया गया।इस प्रकार जिले में आज तक संलग्नीकरण का खेल अनवरत जारी है।
पैसे दो और मनचाहे स्कूल में संलग्न हो जाओ
शिक्षा विभाग के इस अटैचमेंट के खेल में, यूँ कहें तो पैसे दो और जिला मुख्यालय में या आसपास अपने पसंदीदा स्कूल में संलग्न हो जाओ।अटैचमेंट का फायदा उठाकर अधिकांश दिन पढ़ाने नहीं आते। इन शिक्षकों को शिक्षाधिकारियों का पूरा संरक्षण है।उच्च शिक्षा विभाग के आदेश को एक वर्ष से अधिक का समय हो गया उसके बावजूद भी डीईओ द्वारा उस आदेश का पालन नही किया गया है।
बहरहाल देर सबेर ही सही डीईओ ने आदेश जारी कर पूर्व में संलग्न हेतु जारी आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए शिक्षकों को मूल पदस्थापना में लौटने कहा है। अब देखना यह है कि शिक्षा विभाग में लंबे समय से चले आ रहे संलग्नीकरण का खेल क्या वाकई में थमेगा या फिर ये आदेश एक मात्र ढ़कोसला साबित होगा।
वहीं कुछ शिक्षक जानबूझकर नहीं जाना चाहते
बताया जा रहा है कि अटैच शिक्षकों में से कुछ शिक्षक जानबूछकर स्कूलों में वापस नहीं लौटना चाहते हैं। क्योंकि उन्हें अपने मूल स्कूल से अधिक आराम अटेचमेंट वाले स्कूल में मिलता है। जिसके चलते वे अपना अटैंचमेंट खत्म नहीं कराना चाह रहे हैं। जबकि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा भी विगत एक वर्ष से पहले समस्त अटैच शिक्षकों के अटैच मेंट समाप्त करने लिए जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए थे। उक्त आदेशों पर आज तक अमल में नहीं हो पाया है। शिक्षकों के अटैच होने के चलते ग्रामीण क्षेत्रों की शालाओ में अध्यापन कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
वर्जन:
अटैचमेंट के संबंध में जानकारी हेतु डीईओ कार्यालय में जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात करने गए लेकिन डीईओ साहब कार्यालय में अनुपस्थित रहे। इस संबंध में जानकारी लेने के लिए कई बार जिला शिक्षा अधिकारी को फोन किया गया लेकिन, जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा फोन नहीं उठाया गया।