चेतावनी के बाद भी नहीं माने तो हुई सख्त कार्रवाई – गांधी मैदान और रेवाबंध तालाब क्षेत्र से देवार समुदाय को हटाया गया*

कवर्धा शहर के गांधी मैदान एवं रेवाबंध तालाब क्षेत्र में लंबे समय से अनधिकृत रूप से डेरा जमाए देवार समुदाय के लोगों के विरुद्ध पुलिस और नगर पालिका की संयुक्त कार्रवाई बुधवार सुबह अंजाम दी गई। इससे पहले मंगलवार को इन्हें स्पष्ट चेतावनी दी गई थी कि वे क्षेत्र खाली करें, परंतु कुछ लोग चेतावनी के बावजूद डटे रहे।
आज 03 जुलाई 2025 की सुबह 6 बजे से कबीरधाम पुलिस और नगर पालिका कवर्धा की टीम ने सघन अभियान चलाकर सभी अस्थायी कब्जे हटाए और स्थल को पूरी तरह स्वच्छ कराया गया।
यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह (आईपीएस) के निर्देशन में तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक l पुष्पेन्द्र बघेल एवं पंकज पटेल के मार्गदर्शन में की गई। इस कार्रवाई में एसडीओपी कृष्णा चंद्राकर, कोतवाली प्रभारी l लालजी सिन्हा, नगर पालिका के अधिकारीगण मौजूद रहे।
गत मंगलवार को गांधी मैदान और रेवाबंध क्षेत्र में रह रहे देवार समुदाय के लोगों को अंतिम चेतावनी दी गई थी कि वे अपनी झोपड़ियां और अस्थायी ढांचे स्वयं हटा लें। चेतावनी के बाद कुछ लोग स्वयं हट गए, लेकिन कुछ ने इसे हल्के में लिया। आज की कार्रवाई में सभी अतिक्रमण हटाए गए, और पूरे क्षेत्र को सामान्य स्थिति में लाया गया।
विगत कुछ दिनों से गांधी मैदान क्षेत्र से आसपास से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि वहाँ मौजूद देवार समुदाय के कुछ असामाजिक तत्व गाली-गलौज, आपत्तिजनक व्यवहार, मारपीट और अव्यवस्था फैला रहे थे। स्थानीय लोग खासे परेशान थे और शहर के सार्वजनिक माहौल पर इसका नकारात्मक असर पड़ रहा था। मामले को गंभीरतापूर्वक लेते हुए आज
* सुबह 6 बजे पुलिस और नगर पालिका टीम क्षेत्र में पहुँची
* सभी अवैध ढांचों को हटाया गया, लोगों को स्थान खाली कराया गया
* नगर पालिका द्वारा सफाई कराई गई और पूरे स्थल को व्यवस्थित किया गया
* पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्वक और विधिसम्मत तरीके से अंजाम दी गई
पुलिस और नगर पालिका की सक्रिय भागीदारी के कारण यह अभियान सफलता से संपन्न हुआ और आमजन की सुरक्षा व शांति सुनिश्चित की गई।
कबीरधाम पुलिस नागरिकों से अपील करती है कि यदि आपके आसपास किसी प्रकार की संदिग्ध, असामाजिक या अवैध गतिविधियाँ नजर आएं, तो तत्काल पुलिस को सूचित करें। कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस का कर्तव्य है, लेकिन उसमें आमजन की सतर्क भागीदारी सबसे बड़ा सहयोग है।
