
कवर्धा, 12 मार्च 2025। कृषि विज्ञान केन्द्र में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य अनुसूचित जाति के ग्रामीण युवाओं, महिलाओं और पुरुषों के उद्यमिता विकास एवं कौशल उन्नयन को बढ़ावा देना था। यह कार्यक्रम कृषि प्रसंस्करण एवं खाद्य अभियांत्रिकी विभाग, इं.गां.कृ.वि.वि. रायपुर और कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हुआ।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कबीरधाम जिले के ग्राम बिजई और जमुनिया से 75 युवाओं, महिलाओं और पुरुषों को प्रशिक्षित किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, डॉ. बी.पी. त्रिपाठी ने प्रशिक्षणार्थियों को सोयाबीन प्रसंस्करण उद्योग की स्थापना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली सोयाबीन प्रसंस्करण के क्षेत्र में उद्यमिता विकास के लिए प्रयासरत है। उनका उद्देश्य कम लागत पर रोजगार के अवसर उत्पन्न करना और उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन उत्पादों का उत्पादन करना है।
सोया आधारित बेकरी उत्पादों और सोया स्नैक्स पर उद्यमिता विकास कार्यक्रम इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डॉ. एन. के. मिश्रा, वैज्ञानिक ने कृषि प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन, लघु धान्य फसलों और अकाष्ठीय तेल बीज (महुआ, साल, नीम) के महत्व, प्रसंस्करण और राइस फोर्टिफिकेशन पर प्रशिक्षण प्रदान किया। इसके बाद वैज्ञानिक डॉ. डी. खोखर ने मिलेट्स प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन पर उद्यमिता विकास और भावी उद्यमियों को मिलेट्स आधारित उत्पादों के प्रसंस्करण के क्षेत्र में नये उद्यम स्थापित करने के बारे में जानकारी दी, जिससे आय में वृद्धि हो सके।
इंजीनियर टी.एस. सोनवानी, विषय वस्तु विशेषज्ञ, कृषि अभियांत्रिकी द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा में स्थापित सोया प्रोसेसिंग इकाई में सोयाबीन से पनीर बनाने का प्रदर्शन किया और प्रशिक्षणार्थियों को इसके बारे में सिखाया। इसके बाद, प्रशिक्षणार्थियों को कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रक्षेत्र नेवारी में समन्वित कृषि प्रणाली के तहत पशुपालन, मुर्गीपालन, मछलीपालन और बटेर पालन इकाई का भ्रमण भी कराया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर, कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, डॉ. बी.पी. त्रिपाठी ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर डॉ. बी. एस. परिहार, विषय वस्तु विशेषज्ञ, सस्य विज्ञान; डॉ. एन. सी. बंजारा, विषय वस्तु विशेषज्ञ, उद्यानिकी और योगेश कुमार कौशिक, कार्यक्रम सहायक भी उपस्थित थे।
