संसद में 5 दिन में मात्र 75 मिनट हुआ कामकाज
संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इस बीच संसद के कामकाज की बात करें तो बीते 5 दिनों में महज 75 मिनट ही कामकाज हुआ है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि संसद में आखिर इतना कम काम क्यों हुआ है ?
विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ रही संसद की कार्यवाही
दरअसल, संसद की कार्यवाही रोजाना विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ रही है। जी हां, जिस तरीके से विपक्ष लगातार संसद में हंगामा कर रहा है उससे संसद का समय बर्बाद हो रहा है।
संसद के शीतकालीन सत्र में बना यह गतिरोध खत्म होगा या नहीं ?
ऐसे में संसद के शीतकालीन सत्र में बना यह गतिरोध खत्म होगा या नहीं यह सवाल लगातार उठ रहा है। जानकारी के लिए बता दें, संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हुआ था और तब से लेकर अब तक यह गतिरोध बना हुआ है। संसद में सिर्फ और सिर्फ हंगामा ही नजर आ रहा है जिसके चलते संसद की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है।
संसद के शीतकालीन सत्र का आज छठा दिन
चौंकाने वाली बात यह है कि विपक्ष के हंगामे और गतिरोध के चलते बीते 5 दिनों में मात्र 75 मिनट ही संसद की कार्यवाही चल सकी। आज संसद के शीतकालीन सत्र का छठा दिन है और छठे दिन में कामकाज होगा या नहीं यह तस्वीर भी आज साफ हो जाएगी।
लोकसभा अध्यक्ष ने संसद में गतिरोध के चलते एक दिन पहले की पक्ष-विपक्ष के साथ बैठक
बताना चाहेंगे संसद में एक सप्ताह से अधिक समय से चल रहे गतिरोध के चलते लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को एक बैठक की थी जिसमें पक्ष और विपक्ष के सभी नेता शामिल हुए थे। बैठक में यह तय हुआ कि तीन दिसंबर यानी आज से संसद के दोनों सदन सुचारू रूप से चलाए जाएंगे।
पांच दिन, पांच बैठकों में 75 मिनट चली संसद
- 25 नवंबर (पहला दिन)- 10 मिनट
- 26 नवंबर (संविधान दिवस)- जॉइंट पार्लियामेंट
- 27 नवंबर (दूसरा दिन)- 10 मिनट
- 28 नवंबर (तीसरा दिन)- 10 मिनट
- 29 नवंबर (चौथा दिन)- 10 मिनट
- 2 दिसंबर (पांचवा दिन)- 35 मिनट
शीतकालीन सत्र में पिछले 5 दिन की कार्यवाही में क्या हुआ ?
25 नवंबर: पहला दिन- राज्यसभा में धनखड़-खड़गे के बीच बहस-संसद के शीतकालीन सत्र का पहला दिन था। राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और लीडर ऑफ अपोजिशन (LoP) मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच बहस हुई। धनखड़ ने खड़गे से कहा कि हमारे संविधान को 75 साल पूरे हो रहे हैं। उम्मीद है आप इसकी मर्यादा रखेंगे। इस पर खड़गे ने जवाब दिया कि इन 75 सालों में मेरा योगदान भी 54 साल का है, तो आप मुझे मत सिखाइए।
27 नवंबर: दूसरा दिन- लोकसभा में हंगामा, सदन स्थिगत-दूसरे दिन लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा किया। विपक्ष ने यूपी के सिंभल में हिंसा का मुद्दा भी उठाया। इसके चलते कायवाही शुरू होने के कुछ देर बाद हीदोनों सदनों को 28 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
28 नवंबर: तीसरा दिन- तीसरे दिन प्रियंका गांधी पहली बार संसद पहुंची। उन्होंने लोकसभा में सांसद पद की शपथ ली। प्रियंका वायनाड सीट से उपचुनाव जीती हैं।
29 नवंबर: चौथा दिन- स्पीकर बोले- सदन सबका है, देश चाहता है संसद चले-चौथे दिन विपक्ष ने फिर लोकसभा और राज्यसभा में संसदीय कार्यवाही के दौरान लगातार हंगामा किया। स्पीकर ओम बिरला ने कहा, ‘सहमति-असहमति लोकतंत्र की ताकत है। सदन सबका है, देश चाहता है संसद चले।’
2 दिसंबर: पांचवां दिन- पक्ष और विपक्ष के फ्लोर लीडर्स के बीच सदन चलाने को लेकर सहमति बनी-संसद की पिछली चार दिन की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ने को लेकर पांचवे दिन लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने पक्ष और विपक्ष के फ्लोर लीडर्स की मीटिंग बुलाई। मीटिंग में तय हुआ कि 3 दिसंबर से दोनों सदन ठीक से चलाए जाएंगे।