प्रवेश-शैक्षणिक शुल्क से लेकर हॉस्टल फ्री: मजदूर के बच्चों के लिए आईआईटी, डॉक्टरी के साथ लॉ के सारे कोर्स की पढ़ाई भी मुफ्त
अगर किसी मजदूर का बच्चा आईआईटी, मेडिकल या लॉ की पढ़ाई करना चाहता है, तो उसे अब एक रुपए भी खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार मजदूरों के बच्चों की पढ़ाई का दायरा बढ़ाने जा रही है। अभी तक जीएनएम नर्सिंग और पॉलिटेक्निक जैसे व्यावसायिक कोर्सेस के लिए बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जा रही थी।
अब इसमें आईआईटी, मेडिकल और लॉ को भी शामिल जा रहा है। इसमें बच्चों की एडमिशन फीस से लेकर ट्यूशन फीस, हॉस्टल फीस तो मुफ्त रहेगी ही, साथ ही स्टेशनरी के लिए 2000 रुपए अलग से दिए जाएंगे। जल्द ही इसकी घोषणा सरकार करने जा रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक मई मजदूर दिवस को घोषणा की थी कि मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षा प्रोत्साहन योजना शुरू की जाएगी। इसके दायरे में वे मजदूर आएंगे, जो रजिस्टर्ड हैं। इसमें मजदूरों के पहले दो बच्चों को ही फायदा मिलेगा।
यानी किसी मजदूर के अगर तीन बच्चे हैं, तो उनके पहले दो बच्चों की पूरी पढ़ाई का जिम्मा सरकार उठाएगी। जिस समय घोषणा की गई थी, तब पॉलिटेक्निक और जीएनएम नर्सिंग जैसे पाठ्यक्रमों को शामिल किया गया था।
अब आईआईटी, मेडिकल और लॉ के विषयों को भी शामिल किया जा रहा है। अभी तक अपने बच्चों के लिए 117 मजदूरों ने आवेदन लगाए हैं। सभी योजनाओं के लिए सबसे अनिवार्य शर्त मजदूरों का पंजीकृत होना है।
मजदूरों के बच्चों को मिलेगा ज्यादा पैसा
सरकार नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत अब तक मजदूरों के पहली से बारहवीं के बच्चों को कक्षा के मुताबिक हर साल 1 हजार रुपए से लेकर 10 हजार रुपए तक दे रही थी। इन बच्चों को अब ड्रेस, कॉपी, किताब इत्यादि के लिए 1000 रुपए अतिरिक्त देने का फैसला किया गया है। ये पैसा सीधे मजदूरों के खाते में जाएगा। इसके तहत करीब 35 करोड़ रुपए बांटे जाएंगे। इसके लिए आवेदन cglabour.nic.in या फिर श्रमेय जयते एप के माध्यम से किया जा सकता है।
श्रमिक बेटी की अर्जी
एक मजदूर की बेटी ने इस योजना के तहत एमबीबीएस के लिए आवेदन लगाया, लेकिन इसमें एमबीबीएस का जिक्र नहीं था। लिहाजा, दायरा बढ़ाने की तैयारी की गई। अब उस बच्ची का आवेदन फिर से मंगाया जाएगा और उसकी पढ़ाई हो सकेगी।
मजदूरों को 10 की जगह 20 हजार
मजदूरों के लिए सरकार ने श्रम सियान योजना शुरू की थी। जिसमें 59 से 60 साल के बीच के मजदूरों को 10 हजार रुपए दिए जा रहे थे। सरकार नए साल से इस राशि को 20 हजार रुपए करने जा रही है। अभी तक 1566 आवेदन आ चुके हैं।
बच्चियों को 20 हजार मिलेगा
मुख्यमंत्री नोनी सहायता योजना में मजदूरों के 18 साल से 18 साल 6 माह के बीच की बच्चियों को 20 हजार रुपए दिए जाते थे, जिसे बढ़ा दिया जाएगा। अब 18 से 21 साल की बच्चियों को 20 हजार रुपए सहायता के रूप में मिलेंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर पंजीकृत मजदूरों के बच्चों को मेडिकल समेत कई शिक्षा मुफ्त में दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसका ड्राफ्ट तैयार है और घोषणा सीएम ही करेंगे।
-सुशील सन्नी अग्रवाल,अध्यक्ष-कर्मकार कल्याण मंडल